आइजक न्यूटन
आज हम ऐसे वैज्ञानिक की जीवनी बताने जा रहे हैं जिनके बारे में यह कहना गलत नही होगा कि उन्होंनें अकेले अपने दम पर आधुनिक विज्ञान का नक्शा बदल दिया जी हाँ हम बात कर रहे हैं सर आइजक न्यूटन की।
सर आइजक न्यूटन एक महान गणितज्ञ, भौतिक वैज्ञानिक, ज्योतिष एवं दार्शनिक थे जिन्होंने सबसे पहले गति के तीनों नियमों का पता लगाया और गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत प्रतिपादित किया।
न्यूटन ने गणित में कैलकुलस की नीव डाली तथा प्रिज़्म की सहायता से सबसे पहले पता लगाया की श्वेत रंग यानी सूर्य का प्रकाश वास्तव में सात रंगो से मिलकर बनता है। सर आइजक न्यूटन को इन्हीं सब खोजों के लिए उन्हे सबसे लोकप्रिय और महान वैज्ञानिकों में से एक माना जाता है तो आइये जानते हैं उनके बारे में –
Isaac Newton Biography – आइजक न्यूटन की जीवनी
4 जनवरी 1643 को इंग्लैंड के एक छोटे से गाँव के खेतों में बने एक छोटे से घर में एक कमज़ोर से बालक ने जन्म लिया। एक ऐसा बालक जिसके जन्म के समय डॉक्टरों ने यह कह दिया था कि शायद ही यह बालक ज़्यादा दिनों तक ज़िन्दा रह पाये परन्तु जब वह बड़ा हुआ तो उसने संसार की तमाम मान्यताओं को बदल कर रख दिया। वह बालक आइजक न्यूटन था।
न्यूटन के माता-पिता किसान थे। न्यूटन का जन्म उनके पिता के मृत्यु के 3 महीने बाद हुआ था। 12 से 13 वर्ष की आयु तक उन्होंनें THE KING’S SCHOOL GRANTHAM में शिक्षा प्राप्त की। जहाँ पुस्तकालय की एक खिड़की पर उनके हस्ताक्षर आज भी मौजूद हैं जिसे आसानी से देखा जा सकता है।
स्कूल में वह अधिक प्रतिभाशाली छात्र नहीं थे लेकिन चित्रकला और मशीनरी में उनको अधिक रुचि थी इसे देखते हुवे इनके चाचा ने 19 वर्ष की आयु में केंबरेज विश्वविद्यालय के ट्रेनेडी कॉलेज में इनका Admission करा दिया।
न्यूटन को अपने पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए कॉलेज के मित्रों और धनी छात्रों के यहाँ काम करना पढ़ता था। उस समय कॉलेज की शिक्षाएँ अरस्तू पर आधारित थी लेकिन न्यूटन कोपरनिकस, गैलीलियो और कैपलर के विचारों को पढ़ना चाहते थे।
न्यूटन एक बार छुट्टियाँ बिताने अपने गाँव आए हुवे थे। इसी गाँव में इन्हीं का एक सुंदर सा बगीचा था। एक दिन न्यूटन अपने बगीचे में एक सेब के पेड़ के नीचे बैठकर कुछ सोच रहे थे तभी अचानक एक सेब पेड़ से नीचे गिरा।
तब उसे देखकर उनके मन में यह ख़्याल आया कि यह सेब सीधा ज़मीन पर ही क्यूँ गिरा यह ऊपर, दाएँ, बाएँ क्यूँ नहीं चला गया और शेष सभी वस्तुएँ ऊपर से ज़मीन की ओर ही क्यूँ गिरती हैं तभी इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुवे उन्होंने यह निष्कर्ष निकाला कि निश्चित ही वस्तुओं का ज़मीन पर गिरने का कोई विशेष कारण है।
कोई बल उसे निश्चित रूप से भूमि कि ओर खींच रहा है केवल यही नही बल्कि एक फोल की छोटी सी पंखुड़ी को लेकर विशाल तारों तक के बीच में कोई न कोई आकर्षण बल ज़रूर है। इसी आधार पर न्यूटन ने बाद में गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत प्रतिपादित किया।
इस सिद्धांत ने अनुसार ब्रह्मांड (Universe) में प्रत्येक वस्तु हर दूसरी वस्तु को एक आकर्षण बल द्वारा खींचती है जो उसके द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती या दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
सन 1665 में न्यूटन ने केंबरेज विश्वविद्यालय से ही ग्रेजुएशन किया और सौभाग्य से उस कॉलेज में उन्हें गणित के जाने-माने प्रोफेसर आइजक बैरो के साथ काम करने का अवसर प्राप्त हुआ। जिन्होंनें न्यूटन की प्रतिभा को पहचान लिया था।
इसके बाद 27 वर्ष की उम्र में न्यूटन ट्रेनेडी कॉलेज के प्रोफेसर बन गए। न्यूटन बाद में रॉयल सोसाइटी के अध्यक्ष भी बनें। न्यूटन ने प्रकृति के अनेक अनजाने रहस्यों का पता लगाया। उन्होंनें बताया की सूर्य का प्रकाश जो देखने में सफ़ेद लगता है वह वास्तव मे सफ़ेद नही बल्कि सात रंगों (बैंगनी, जामुनी, नीले, हारे, पीले, संतरी तथा लाल) से मिलकर बना है।
इन सात रंगों को एक प्रिज़्म की सहायता से अलग-अलग किया जा सकता है। आइजक न्यूटन ने ऐसी दूरबीन का आविष्कार किया था जिसमें प्रकाश लेन्स से गुज़रने के स्थान पर दर्पण से परिवर्तित होता है। उनकी दूरबीन में 2.5 सेमी का दर्पण लगा है।
न्यूटन ने गति के तीन महत्वपूर्ण नियम प्रतिपादित किये जो आज भी विद्यार्थियों को पढ़ाये जाते हैं। न्यूटन ने गणित में कैलकुलस की नीव डाली। न्यूटन ने अपनी खोजों को दो पुस्तकों में छपवाया। प्रकाश से संबन्धित उनके अविष्कार OPTICKS नामक पुस्तक में तथा दूसरे अविष्कार PHILOSOPHIAE NATURALIS PRINCIPIA MATHEMATICA नामक पुस्तक में जो सन 1687 में प्रकाशित हुई।
उम्र के अन्तिम पड़ाव में भी न्यूटन खगोलिए पिण्डो से संबन्धित खोज के कार्यों में लगे रहते थे। 84 वर्ष की उम्र में भी न्यूटन एक मीटिंग की अध्यक्षता करने गए लेकिन वहाँ से लौटने के बाद वह बीमार पड़ गए। 31 मार्च 1727 को उनका देहांत हो गया। मृत्यु के बाद न्यूटन के शरीर में काफी ज़्यादा मात्रा मे पारा पाया गया था जो शायद रासायनिक कार्यों को करने की वजह से था।
यह कहना गलत नही होगा कि आइजक न्यूटन अकेले ऐसे वैज्ञानिक थे जिन्होंनें आधुनिक विज्ञान के विकास में सबसे महत्वपूर्ण योगदान दिया है और उनके महान योगदान के लिए लोग उन्हें कभी नही भूल पाएँगे।
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